आज दिनांक ३ फरवरी २०११ को मै, वाणी की विनम्र वंदना करते हुए, इस ब्लॉग पर अपने अनुभव और विचार अपने शुभेच्छुओं के बीच रखने एवं उसपर उनकी प्रतिक्रिया जानने की प्रक्रिया का श्रीगणेश कर रहा हूँ |
अपने समर्थकों एवं पाठकों से सहयोग की अभिलाषा है ।
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प्रथमतः
मेरी भव बाधा हरो राधा नागरी सोइ ।
जा तन की झाईं परत स्याम हरित दुति होइ । ------बिहारी
------------------------------------------------------------------------------------------------------ Mangal -Veena . Blogspot . com @Gmail दिनाँक 3.2.2011
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अपने समर्थकों एवं पाठकों से सहयोग की अभिलाषा है ।
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प्रथमतः
मेरी भव बाधा हरो राधा नागरी सोइ ।
जा तन की झाईं परत स्याम हरित दुति होइ । ------बिहारी
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padkar bda achcha lga.
जवाब देंहटाएंplz countinue