शुक्रवार, 2 नवंबर 2012

भारतीय लोकतंत्र प्रहरी परीक्षा 2012

परिचय :1.पाठकों  के लिए सभी प्रश्न पढ़ना अनिवार्य  है ।सभी प्रश्नों के अंक समान  हैं ।
              2.प्रश्नों  में उल्लिखित आंकड़ो एवं तथ्यों का सत्य या असत्य से कोई न कोई संबंध है ।
              3.यह प्रश्नपत्र एक साहित्यिक रचना है जिसका प्रयोजन देश में हो रहे भ्रष्टाचारों की लम्बाई- चौड़ाई का अंदाज लगाना है। 
              4.प्रथम दस उच्चतम अंक पाने वाले पाठकों को पाठकों के माध्यम से श्रेष्ठ लोकतंत्र प्रहरी पुरष्कार से          सम्मानित करने पर विचार किया जा सकता है वशर्ते इस चयन प्रक्रिया में भी कोई घोटाला न हो जाय ।
        प्रश्न 1-निम्न लिखित घोटालो को पुराने से नये की ओर खुलने वाले समय क्रम में ब्यवस्थित करें 
अ .कोलगेट                ब .कामनवेल्थ गेम्स             स .एस बैंड (एंट्रिक्स -देवास ) 
द .अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा नईदिल्ली                       य .2-जी 
       प्रश्न2.भारत में वर्तमान समय मे घोटाले की मानक इकाई (माइ )क्या है 
अ .लाख करोड़ रु  (1000000000000)    ब .करोड़ रु (10000000)      स .लाख रु (100000)                      संकेत -हमारे देश  में अब अरब, खरब की नहीं बल्कि लाख करोड़ की बात होती है  ।
       प्रश्न3.निम्न लिखित सारिणी  में अ वर्ग में घोटालों  के नाम तथा ब वर्ग में उनकी राशि अंकित है ।तीर लगा कर दिखाएँ कि  किसका किससे  सम्बन्ध है -
  अ   वर्ग                                                     ब   वर्ग 
क .कोलगेट                                            0.36 माइ रु  
ख .2-जी                                                2.00 माइ रु 
ग .एस बैंड (एंट्रिक्स -देवास )                  1.76 माइ रु 
घ .कामनवेल्थ गेम्स                              1.86 माइ  रु  
       प्रश्न4.स्वतंत्र भारत का पहला कुल 197.39 करोड रु का बजट स्व .श्री आर .के .खड़मुखम चेट्टी ने संसद में सन 1947-48 में प्रस्तुत किया था जब कि प्रश्न 4 में वर्णित  घोटालों  की कुल कीमत लगभग 6 माइ रु है इस आधार पर निम्न आकडों में सही अनुपात पर  y का निशान लगायें 
अ .      1    :     3030               ब .     3030    :    1             स .      1     :       100    द .   1    :     1000
संकेत : स्वतंत्र भारत के प्रथम बजट के कई हजार गुने घोटाले हाल के दो -तीन वर्षों में हुये हैं 
       प्रश्न5.निम्न लिखित घोटालों /भ्रष्टाचारों का किस राज्य से सम्बन्ध है - तीर लगाएं 
                चारा -घोटाला                           हरियाणा 
                एनआरएचएम                          बिहार 
                 लवासा सिटी                            उत्तर प्रदेश 
                लैंड स्कैम्स                               महाराष्ट्र 
      प्रश्न6.डिश प्रोपोर्शनेट एसेट(श्रोत से असंगत संपत्ति )मामलों में निम्न में से कौन व्यवसाय के लोग सर्वाधिक स्वनाम धन्य हुए हैं ।
अ . नेता        ब .  नौकरशाह        स .  व्यवसायी      द .    किसान
संकेत  :डी .ए . से जुड़े पाँच माननीयों के नाम मन में  स्मरण  करें ।
      प्रश्न7.भारत में तीस रूपया प्रतिदिन से कम कमाने वाले गरीबी में डूबे  रहते हैं और उसके ऊपर  तुरंत अमीर की भांति पंख लगा उड़ने लगते हैं।फिर भी यदि सभी सवा सौ करोड़ लोग कामनवेल्थ गबन की राशि अपने पास से सरकारी खजाने में जमा करने का प्रण करें और तीस रूपया प्रति दिन कोष में जमा करें तो यह राशि कितने दिन में सरकारी कोष  में जमा हो जाएगी ।
अ .     लगभग 10 दिन           ब .1 दिन        स .आधा  दिन           द .एक  महीना
संकेत :नवरात्र के नौ दिन व्रत से भी यह भरपाई नहीं हो सकती है ।
       प्रश्न8.यह मानते हुए कि एक आई .ए .एस .अधिकारी अपने जीवन काल में औसतन पैंतीस वर्ष नौकरी करता है और प्रतिमाह एक लाख रुपये वेतन पाता है, वह सामान्य वेतनभोगी की भांति  पूरे सेवाकाल में   कितनी पूँजी खड़ा  कर सकता है ।
अ .प्रतिमाह खर्च के बाद 50%बचत करते हुए लगभग दो करोड़ रुपये
ब .प्रतिमाह खर्च के बाद 25%बचत करते हुए लगभग एक  करोड़ रुपये
स .प्रतिमाह खर्च के बाद 20%बचत करते हुए लगभग पचासी लाख  रुपये 
संकेत :सूचना के अधिकार तहत तीस वर्ष से अधिक नौकरी कर चुके 100 आई .ए .एस .अधिकारियों द्वारा अर्जित सम्पत्ति का विवरण  माँगा जा सकता है अन्यथा मध्य प्रदेश के आई .ए .एस .दम्पत्ति को याद किया जा सकता है ।
       प्रश्न9:रुपयों की गणना में दशमलव के दो अंक दाहिने बाद सभी अंक छोड़ (इग्नोर ) दिये जाते हैं ।अतः निम्न लिखित घोटालों में किस घोटाले को घोटाला नहीं मानना चाहिए और इण्डिया अगेंस्ट करप्शन को इसके लिए क्षमा मांग लेनी चाहिए ।
अ .डॉ .जाकिर हुसैन मेमोरियल ट्रस्ट                        71 लाख रु 
ब .महाराष्ट्र सिचाई घोटाला                                     .70माइ रु 
स .2-जी घोटाला                                                     1.76माइ रु 
द .कोलगेट घोटाला                                                 1.86माइ रु 
संकेत :कृपया बेनी प्रसाद बर्मा जी से संपर्क करे ।
       प्रश्न10. आज की परिस्थिति में इनमे से कौन सा स्लोगन राष्ट्रीय स्लोगन बनाया जा सकता है ।
अ .उद्योगी पुरुष (घोटाले बाज )शेर की भाँति लक्ष्मी अर्जित करते हैं ।
ब .ना इज्जत की चिंता ना फिकर किसी अपमान की -जय बोलो सरकार की ।
स .शार्टटर्म सत्ता की सेवा -घोटाले में ही मेवा ।
द .गली -गली बेईमान हैं --फिर  भी देश महान है।
संकेत :भारत :घोटाले बाज (उद्योगी ): : जंगलराज : शेर ।                                                                            --------------------------------------------------------------------------------------------------------------------
        यदि प्रश्नावली समाप्त हो गई हो तो ध्यान दें - सुनने में आया है कि हमारे प्रधान मंत्री जी बीते दशहरे से  अतीव प्रसन्न हैं क्योंकि स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक श्री मोहन भागवत ने दशहरे पर यह बयान ,कि देश में भ्रष्टाचार के लिए वर्तमान शिक्षा जिम्मेदार है ,देकर यूपीए सरकार को भ्रष्टाचार से दोष मुक्त कर दिया है एवं उसे भविष्य की शिक्षा नीति के लिए मार्ग -दर्शन भी दे दिया है ।अब समस्यायें आने पर वे भी  नागपुर आर एस एस मुख्यालय जा सकते हैं ।फिलहाल शिक्षा को चुस्त -दुरुस्त करने के लिए मनमोहन सरकार एक प्रस्ताव पर विचार कर सकती है कि आम  बजट में करदाताओं के ऊपर इनकम टैक्स पर शिक्षा सेस के अलावा कुछ प्रतिशत अतिरिक्त घोटाला निवारक शिक्षा सेस लादा जाय क्योंकि घोटालों का शिक्षा से चोली दामन सा साथ है।फिर संघ से शिक्षा का वह माडल तैयार कराया जाय जो भ्रष्टाचार से निपटती रहे और सरकार इस पाप -दोष से मुक्त हो जाय ।तत्कालिक राहत के लिए आर एस एस के सौजन्य से दोनों गुरु भाई कांग्रेस  और बीजेपी अब भ्रष्टाचार का मुद्दा समाप्त मान कर आगामी संसद सत्र को सुचारुरूप से चलायेंगे ।वे दोनो दल अब न भ्रष्टाचार देखेंगे ,न सुनेंगे ,न बोलेंगे ।इसका सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि मिडिया ,प्रबुद्द लोग ,मैंगोपीपुल ,अन्ना जी ,केजरीवाल साहब ,बाबा रामदेव अब अन्य मुद्दों पर ध्यान दे सकेंगे दूसरी ओर घोटाले बाज भी अब नये कारनामों का ताना -बाना बुनने में ध्यान लगायेंगे ।क्या बात है मनमोहन जी ने  एक ही गेंद से सारे घोटा लों की गिल्ली ही उड़ा दिया ।यही  तो नहीं था इस बार दशहरे पर रावण दहन का रहस्य ?जय बोलो सरकार की ।
अंतत:
Think over it :Everybody intends to rule with flexibility to be ruled upto certain extent . 


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